अबयज़ ख़ान
इस गुलाबी सर्दी में एक गरम चाय की प्याली हो।
तिलबट्टे के साथ गजक हो, और एक कॉफ़ी की प्याली हो।
गरम रज़ाई साथ में हो और एक नॉवेल भी हाथ में हो,
खिड़की से आयें सर्द हवाएं और रात भी ढलने वाली हो।
इस गुलाबी सर्दी में एक गरम चाय की प्याली हो।

सुबह सवेरे की धूप हो, अख़बार के साथ गरम सूप हो।
गाजर का हल्वा भी हो और शकरकंद की खीर हो।
गन्ने के रस की मिठास जब फ़िज़ा में घुलने वाली हो।
इस गुलाबी सर्दी में एक गरम चाय की प्याली हो।

मां का बुना स्वेटर हो और गर्म कपड़ों का साथ हो।
कोहरे वाली सर्दी हो और बस निकलने वाली हो।
इस गुलाबी सर्दी में एक गरम चाय की प्याली हो।

दफ्तर में जब ठंड सताए, जेब से हाथ बाहर न आये।
कलम छोड़ दे साथ तुम्हारा और जाड़ा तुमको बहुत सताए।
तब गरम समोसों के साथ में एक गरम चाय की प्याली हो।