May
21
मैं ज़िंदगी भर तुमसे रूठा रहूं तो तुम क्या करोगे
मेरी जां मुझे मनाओगे या मुझ पे हंसा करोगे
खिलौना समझ के लोगों ने की दिल्लगी हमसे
दिल को रखोगे दिल में या तुम भी दिल्लगी करोगे
अनमोल आंसू जो रातों को भिगो गये दुपट्टे को
उन मोतियों का तुम संग दिल एहसास क्या करोगे
गुज़र गया है अपना वक्त और गुज़र भी जाएगा
अफ़सोस तो ये है जाना अब तुम कैसे जिया करोगे
जब जानोगे 'अबयज़' को तो बहुत हैरत होगी तुमको
कभी कोसेगे किस्मत को, कभी ख़ुद पे हंसा करोगे।।
मेरी जां मुझे मनाओगे या मुझ पे हंसा करोगे
खिलौना समझ के लोगों ने की दिल्लगी हमसे
दिल को रखोगे दिल में या तुम भी दिल्लगी करोगे
अनमोल आंसू जो रातों को भिगो गये दुपट्टे को
उन मोतियों का तुम संग दिल एहसास क्या करोगे
गुज़र गया है अपना वक्त और गुज़र भी जाएगा
अफ़सोस तो ये है जाना अब तुम कैसे जिया करोगे
जब जानोगे 'अबयज़' को तो बहुत हैरत होगी तुमको
कभी कोसेगे किस्मत को, कभी ख़ुद पे हंसा करोगे।।