Jan
11

तुम अपनी ज़िंदगी का कभी न खोलने वाला राज़ भी मुझे बता सकते हो, और मेरा वादा है तुमसे कि तुम्हारा ये राज़ कभी फरिश्तों को भी पता नहीं चल पाएगा... मेरा वादा है ये तुमसे, कि मैं तुम्हारा एतबार टूटने नहीं दूंगा... मेरा वादा है तुमसे, कि तुम्हारा ये राज़ हमेशा-हमेशा के लिए दफ्न हो जाएगा... और हम अपनी ज़िंदगी की किताब के वरक खोलकर उसके सामने रख दें... क्या कोई राज़ किसी को सिर्फ़ इसलिए बता दिया जाए, क्योंकि उसने आपको अपने कुछ ज़ाती राज़ बता दिये हैं... लेकिन बावजूद इसके इस बात की क्या गारंटी है कि इसके बाद दुनिया में कोई भी आपके निजी माअमलात में दख़लअंदाज़ी नहीं कर पाएगा... आपके राज़ हमेशा-हमेशा के लिए दफ्न हो जाएंगे...

शायद इसीलिए आपको कई बार ऐसे शख्स की खुशामद भी करनी पड़ती है, जिसे आप रत्तीभर भी पसंद नहीं करते... सिर्फ़ इसीलिए कि कहीं वो आपके राज़ बेपर्दा न कर दे... आखिर इस भरोसे का भरोसा है क्या..? आखिर इंसानी फितरत का भरोसा क्या है...? आखिर इस भरोसे का पैमाना क्या है..? शायद इन तमाम सवालों का जवाब किसी के पास नहीं होगा, और अगर हुआ, तो यही कि किसी न किसी पर तो भरोसा करना ही पड़ेगा ही, वरना इसके बिना तो ज़िंदगी का पहिया घूमने से रहा... या फिर आप लोग भी यही कहेंगे कि राज़ को राज़ ही रहने दो... क्योंकि पर्दा जो उठ गया, तो फिर गिर नहीं पाएगा... और ज़माने का भरोसा क्या इसकी तो फितरत ही ज़ालिम है...
वरना क्या भरोसा उसके वादे का मगर..
दिल को खुश रखने को एक वादा तो है...
बहुत सही कहा है आपने ।
सत्य वचन
यही फलसफा है जिंदगी का
ये क्या किया तेरे वादे का एतबार किया,
तमाम उम्र कयामत का इंतजार किया
तुम्हे तो वादा ए दीदार करना था हमसें
ये क्या किया जमाने को उम्मीदवार किया...
सच ही है किसे कहें वो सच्चा हैं, हम तो अब ख़ुद भी बेमानी से हो गए हैं...
kisne aapko dhoka diya...aur kisse aapko dar lagta hai...
abyaz, raaz batate ho toh bharosa karna bhi seekhna chaiye... warne kisi mein itni takat nahi ki aapse aapka raaz jaan paye...its all depend on you..yani bharose par bharosa.....shweta
शायद इसीलिए आपको कई बार ऐसे शख्स की खुशामद भी करनी पड़ती है, जिसे आप रत्तीभर भी पसंद नहीं करते... सिर्फ़ इसीलिए कि कहीं वो आपके राज़ बेपर्दा न कर दे.... nahi samajh aaya ki jise aap pasand nahin karte use aap khud apna raaz kaise bata sakte hain...shweta
you are absolutely right ...abyaz...lets hope ki kisi ko kabhi koi dhokha na mile..aameeen