टीवी पर बीएसएनएल का एक एड आता था, जिसमें प्रीति जिंटा कहती थीं, कि अगर इनके पास बीएसएनएल का कनेक्शन नहीं है, तो वो इनके बेटे से शादी नहीं करेंगी। आजकल टीवी पर एक एड और आता है अमूल माचो का.. जिसमें एक लड़के को देखने लड़की और उसके घरवाले आते है और बेचारा लजाता, शर्माता हुआ उनके लिए चाय लाता है। उसके बाद दूसरी तस्वीर में दिखाया जाता है कि कैसे लड़की उसे बाइक पर बैठाकर घुमाने ले जाती है, लड़की स्पीड ब्रेक लगाती है। झटका खाकर बेचारा लड़की से टकराता है। तो एक और तस्वीर में बस में खड़े होकर सफ़र कर रहे एक लड़के को एक लड़की छेड़कर निकल जाती है और बेचारा शर्म से लाल हो जाता है। आखिर क्या ज़माना आ गया है। इतने तक तो ठीक था। लेकिन अब तो सबकुछ उल्टा हो रहा है। राखी सांवत के स्वंयवर के बारे में तो आप सभी जानते होंगे। इस स्वंयवर में नाटक है, रोमांस है, और एक्शन भी। लेकिन राखी के चाहने वालों को न तो इसमें धनुष तोड़ना है और न ही मछली की आंख पर निशाना लगाना है। पूरे फिल्मी ड्रामे से भरी इस कहानी में राखी को किसी हूर से कम नहीं पेश किया है। और लड़के, वो तो बेचारे ऐसे लगते हैं, जैसे किसी रानी के गुलाम। राखी की हर अदा पर झुककर सलाम करने वाले, राखी के झूठ को सच साबित करने वाले, राखी जी बल खाकर चलती हैं, तो बेचारे मुंडे उनके कदमों में बिछे चले जाते हैं। और अगर राखी साहिबा उनसे खुश हो गईं, तो खाने को मिलेंगे लड्डू। शादी के लड्डू के बारे में तो सभी जानते हैं, जो खाए वो पछताए और जो न खाए वो पछताए। लेकिन राखी के साथ सपने बुनकर सभी 16 राजकुमार लड्डू खाना चाहते हैं। और राखी उनके सामने ऐसे पेश आती हैं, जैसे मल्लिका-ए-हिंदुस्तान। हद तो तब हो गई, जब राखी को पाने के लिए वो आग के शोलों पर भी नंगे पांव गुज़र गये। और तो और स्वंयवंर में आई ईवेंट मैनेजर ने दूल्हों को चुनौती दी, कि एक-दूसरे की गर्दन में सरिया फंसाकर जो इसे मोड़ देगा, राखी जी उससे बेहद खुश होंगी। और बेचारे दूल्हों ने ऐसा भी किया। मरता क्या न करता आखिर राखी को जो पाना है।
राखी इतनी बोल्ड हैं कि शो में खुलेआम कह रही हैं कि मुझे इनके छूने से कोई फीलिंग नहीं हो रही है, इनके छूने से मुझे कुछ एहसास ही नहीं हुआ। ये सब जानते हुए भी कि इस शो को सारी दुनिया देख रही है। लेकिन ये तो राखी हैं, राखी को क्या, कुछ भी बोल सकती हैं। बेचारे कुंआरे अब खुद को भरी पब्लिक के सामने नामर्द समझें, या राखी को संतुष्ट करने के लिए किसी नीम-हकीम से मर्दानगी की दवा खरींदे। आखिर राखी को जो पटाना है। लेकिन राखी हैं, कि आराम से पटना ही नहीं चाहतीं। लड़के लाख मिन्नतें कर रहे हैं, इतना ही नहीं, राखी को पटाने के लिए बेचारे एक-दूसरे को भगाने के लिए उसी तरह की ख़तरनाक साज़िशें रच रहे हैं, जैसे किसी रियलिटी शो में लड़कियां एक-दूसरे के खिलाफ़ जाल बुनती हैं। लड़के राखी के सामने हाथ बांधे खड़े हैं, कब मैडम की मेहरबानी हो जाए और उनको मिठाई का डिब्बा मिल जाए। लेकिन मिठाई मिलना सबकी इच्छा नहीं है, हर कोई चाहता है कि राखी उसे वरमाला पहना दें। वाकई ज़माना बदल गया है, अब मां का लाडला अपने लिए बहू नहीं ढूंढ रहा है, बल्कि एक बहू अपने लिए पति ढूंढ रही है। अब पति परमेश्वर होगा, या पत्नी पतिव्रता, ये तो भगवान ही जाने। लेकिन ज़माना सचमुच बदल गया है।
यह राखी की दिलचस्प अदा है।
naamard kyun likhtey haen
transexual
homosexual
gay
lesbian
kuch kehtey
yae naa mard kyaa hota haen
naa mard to aurat bhi ho saktee haen
सचमुच जमाना बदल गया.....
शानदार लेखन .सर लेकिन हकीकत भी तो यही है की यह बाज़ार की राखी है ,जो चीखती है तो सुर्खिया ...रोती है तो सुर्खिया और कुछ और करती है तो सुर्खिया ......यह बाज़ार के साथ चलने वाली राखी है ,जो जानती है की उसका कौन सा रूप दर्शको को पसंद है ,वो जानती है की नब्ज़ का मतलब क्या होता है ,और imagine वाले भी जानते है ,क्यों सर ????
ये वो राखी है जो स्वयंवर खत्म होने के बाद सब को राखी बाँध कर चल देगी.....लेकिन बेचारे सारे प्रतिभागी फिर भी एक आस लगाए जरूर बैठे हैं।
ब्लॉग एक टीवी चैनल से भिन्न नहीं।
उस पर आनी वाली टिप्पणियां और पाठक लोकप्रियता और आपके आउटपुट स्क्लि्स को दर्शाता है। बहुत सही लेख...
अबयज़ जी ये वो राखी है जो रक्षाबंधन पर शर्मसार कर जाये। जिसे राखी मिलेगी अगले ही पल वो उसको अपनी बहन बना लेगा पक्का है... शरीफ आदमी को तो बहन बनाना भी गंवारा न हो। और हां इस प्रोग्राम का सबसे खास अदा मुझे लगीं उनका शर्माना आहाहाहाह क्या शर्माती है राखी जी...भगवान कसम उनसे ज्यादा बेशर्मी सो कोई नहीं शर्मा सकता है
Dear Mr.Khan
Yeah you are right that the world is changing now and I am also agree with the point that Rakhi is doing all kind of dramas, humiliating the guys and trying to give masala to the show.
But I beg to differ from your last few points. After reading the last lines some questions came into my mind for eg…why people are not able to digest the thing that the girl can also choose her husband? Why the society wants to see the girl in weaker position than man? Why people are writing so much long articles on the shows and advertisements where girl is more powerful than man?
I think we need to change our thinking.
Now Mr.Khan females are in no way less than males.so, why still our society wants to do discrimination....why even the so called educated people also not able to understand this...